Pages
Home
बिहार
देश
विदेश
खेल
मनोरंजन
स्वास्थ्य
आध्यात्म
करियर
टेक्नोलॉजी
अपनी बात
Contact us
Recent Posts
Tuesday, 2 August 2016
तारीफ़ से वजूद की पैमाईश कतई सम्भव नहीं है ।अपनी जरूरत और हालात के मुताबिक इंसान किसी की तारीफ़ करता है । भीतर की संग्रहित पूँजी से ही असल में किसी को समझा जा सकता है और फिर उसकी तारीफ़ की जा सकती है ।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Advertise
Filpkart Online Shop
No comments:
Post a Comment