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Saturday, 20 August 2016

सुशासन या अपराध राज

सुशासन या अपराध राज 
अहले सुबह नवगछिया में व्यवसायी की गोली मारकर हुई हत्या

बाईक सवार छह युवकों ने दिया घटना को अंजाम
घटनास्थल पर पहुंचकर एसडीपीओ शुरू की तफ्तीश
bihar-murder-2016

भागलपुर से मुकेश कुमार सिंह की दो टूक---

मंगल राज या जंगल राज ?

बिहार का कोई ऐसा जिला नहीं है,जहां रोजाना अपराध की बड़ी वारदात ना हो रही हो ।नवगछिया के प्रमुख व्यवसायी और समाजसेवी सह नगर पंचायत के पूर्व वार्ड पार्षद रसलपुर निवासी बिनोद यादव उर्फ बिनोद बोस की आज सुबह लगभग 7 बजे रसलपुर रेलवे ढ़ाला के समीप अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी ।विनोद यादव को नजदीक से गोली मारी गयी और गोली लगते ही वह गिर गए ।घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी ।देखते ही देखते घटना की खबर पुरे नवगछिया में जंगल की आग की तरह फैल गयी । जो सुन रहा था,वह स्तब्ध हो रहा था ।जानकारी के अनुसार हमलावर तीन बाईक पर छः की संख्या में थे। उनके हाथों में रायफल जैसे हथियार थे । उन्हीं हथियार से विनोद यादव को गोली मारकर सभी अपराधी नयाटोला के मिलन चौक के रास्ते एनएच 31 की ओर भाग निकले ।
वहीं खबर यह भी मिली है की एक बाइक पकरा के रास्ते तेतरी जीरो माईल की तरफ गयी थी जिसपर तीन युवक सवार थे ।इस दौरान रास्ते में भी उन अपराधियों ने पांच फायर किये,जिसकी आवाज ग्रामीणों ने सुनी । 
इस घटना से पूरे नवगछिया इलाके में ना केवल सनसनी फैल गयी है बल्कि लोगों में भारी दहशत भी व्याप्त है ।लोग मृतक विनोद यादव को देखने भारी संख्यां में पहुँच रहे हैं ।बताना लाजिमी है की मृतक विनोद यादव इलाके में काफी लोकप्रिय थे । कहीं यह ह्त्या आपसी रंजिश या की राजनीति से प्रेरित तो नहीं है ?
सबसे अहम बात यह है की मृतक विनोद यादव राजद के कद्दावर नेता भी थे ! राजनीति में उनका इलाके मे जबरदस्त हस्तक्षेप था ! राजद के कई बड़े नेताओं से उनकी नजदीकी और घरेलु रिश्ते थे ! पुलिस तमाम बिंदुओं को ध्यान में रखकर तफ्तीश शुरू कर चुकी है लेकिन अभी तक मामला दर्ज नहीं हुआ है ।आगे सबसे पहले यह देखना जरुरी है की मृतक के परिजन की तरफ से क्या बयान आता है ?परिजन को किसी पर शक है या की नहीं ?आगे इस मामले का जो भी नतीजा सामने आये लेकिन इतना तो तय है की अपराधी का मनोबल सातवें आसमान पर है और वे अपनी मर्जी के मुताबिक अपराध दर अपराध की घटना को अंजाम दे रहे हैं ।सूबे के मुखिया नीतीश बाबू और राज्य मुख्यालय के अधिकारी बस अन्य राज्यों के अपराधिक आंकड़े से बिहार के अपराधिक आंकड़े का मिलान करने में जुटे हैं 

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