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Sunday, 2 October 2016

बिहार में आज से नया शराबबंदी कानून लागू


घर में शराब पीने की अनुमति दी तो सात साल की कैद व दस लाख तक जुर्माना
नए कानून में यह प्रावधान है कि अगर आप अपने घर या अन्य परिसर में नशे की अनुमति देते हैैं या फिर कोई कहीं नशे के हाल में मदहोश पाया जाता है, किसी जगह पर बैठकर शराब या फिर अन्य मादक द्रव्य का सेवन करता मिलता है तो ऐसी स्थिति में पकड़े जाने पर कम से कम पांच वर्ष और अधिकतम सात वर्ष की सजा होगी। एक लाख रुपये का न्यूनतम जुर्माना और अधिकतम दस लाख रुपये तक का जुर्माना होगा।
नशे की स्थिति में उपद्रव करने पर कम से कम दस वर्ष की सजा
नए कानून में यह प्रावधान है कि अगर शराब पीकर किसी व्यक्ति ने नशे में किसी स्थान पर उपद्रव किया और ङ्क्षहसा की तो कम से कम दस वर्ष की सजा होगी। इस सजा को बढ़ाकर आजीवन कारावास भी किया जा सकता है। इस मामले में जुर्माना की न्यूनतम राशि एक लाख रुपये होगी और अधिकतम दस लाख।
यह बताना जरूरी होगा कि घर में शराब कौन लाया
घर में अगर शराब बरामद होती है तो यह जानकारी देनी होगी कि घर में शराब कौन लाया? जानकारी नहीं देने पर संबंधित परिसर के मालिक को कम से कम आठ वर्ष की सजा होगी। इसे बढ़ाकर दस वर्षों तक किया जा सकेगा। जुर्माने की राशि बढ़ाकर दस लाख रुपये तक की जा सकेगी।
महिलाओं और अवयस्क को शराब के धंधे में लगाने पर आजीवन कारावास
अगर कोई व्यक्ति महिलाओं व अठारह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शराब के अवैध धंधे में लगाने के आरोप में पकड़ा जाएगा तो इस अपराध में उसे कम से कम दस वर्ष की सजा होगी और इसे बढ़ाकर आजीवन कारावास तक किया जा सकता है। न्यूनतम एक लाख और अधिकतम दस लाख रुपये तक का जुर्माना भी उसे देना होगा।
परेशान करने के लिहाज से तलाशी व गिरफ्तारी पर भी सजा
शराबबंदी से जुड़े नए कानून में यह प्रावधान भी है कि अगर कोई उत्पाद पदाधिकारी या पुलिस पदाधिकारी परेशान करने की नीयत से किसी घर की तलाशी लेता है या फिर किसी को गिरफ्तार करता है तो उसे तीन वर्ष की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना होगा।
गांव पर सामूहिक जुर्माना
अगर किसी गांव या शहर विशेष में शराबबंदी से संबंधित कानून का उल्लंघन हो रहा है तो डीएम को यह अधिकार होगा कि वह उक्त गांव या शहर विशेष पर सामूहिक जुर्माना लगा सकेंगे।

News credit : Jagran

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