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Wednesday, 3 August 2016

ये थानेदार है या गुंडा

सहरसा---
देखिये दारोगा राज की नंगी तस्वीर
ये थानेदार है या गुंडा 
पीड़ित को इन्साफ की जगह दे रहा है गालियां,लगा रहा है धक्के 
सुशासन की पुलिस बड़ी बेशर्म है 

 मुकेश कुमार सिंह की दो टूक-
अंग्रेजी हुकूमत के समय का दारोगा राज आज भी सहरसा में कायम है । सहरसा पुलिस अधिकारी अपराध पर लगाम लगाने की जगह गुंडे की तरह थाने से लेकर चौक--चौराहे और बाजारों में गुंडई करते नजर आते है । सूबे के मुखिया नीतीश कुमार और राज्य के डीजीपी पी के ठाकुर पुलिस--पब्लिक के फ्रेंडली रिश्ते की दुहाई देते नहीं थकते लेकिन जमीनी सच इससे बिल्कुल ईतर है ।एक तरह पुलिस अधिकारी जहां विभिन्य कांडों में पीड़ित और आरोपी दोनों पक्षों से जमकर उगाही करते हैं वहीं दूसरी तरफ जमीन सम्बंधित मामले के निपटारे में थोक में रकम वसूलते हैं । और कई और रास्ते हैं जिससे अलग से हफ्ता और महीना वसूली की जाती है ।
आज दिन में सुशील कुमार नाम के एक व्यक्ति की सदर थाना के प्रशांत रोड में जमकर पिटाई की गयी । पीड़ित अपने घर के लोगों के साथ न्याय की आस लिए सदर थाना पहुंचे और सदर थानाध्यक्ष संजय सिंह से न्याय की गुहार लगाई लेकिन अपने किस्म के थानाध्यक्ष ने फरियादी की फरियाद सुनने और मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की जगह पीड़ित को ना केवल जमकर गालिया दी बल्कि धक्के मारकर उन्हें थाने से भी बाहर कर दिया ।
अब इस बदमिजाज और रंगरेज थानेदार की इस करतूत को लेकर हम क्या कहें ।चलंत तस्वीर पूरी घटना के पीछे के सच को बेपर्दा कर रहा है ।इस थानेदार की दादागिरी और गुंडई के खिलाफ कई बार आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन हुए हैं लेकिन ये साहब थाने की कुर्सी से ऐसे चिपके हैं की,वहाँ से हिल ही नहीं रहे हैं ।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ इस थानेदार पर कई बड़े अधिकारी की ऊपर से कृपा बरसती है ।यही नहीं कई सियासतदां से भी इनके घरलू रिश्ते हैं ।


अब जब आसमानी कद वाले आकाओं के आशीर्वाद की बारिश हो रही हो,तो,जनता जनार्दन की बेइज्जती का हिसाब कौन लेगा ?सुशील के साथ हुआ दुर्व्यवहार तो महज एक बानगी है ।ऐसी घटनाएं सहरसा के लिए आम और रोजमर्रा की बात है ।फर्क सिर्फ इतना है की इस बार थानेदार की करतूत कैमरे में कैद हो गयी है ।अब आगे यह देखना बेहद जरुरी है की पुलिस के बड़े अधिकारी इस थानेदार की काली करतूत को लेकर कोई सजा मुक़र्रर करते हैं,या फिर इन्हें कोई ईनाम दिया जाता है ।आखिर में हम यही कहेंगे की वाकई सुशासन की पुलिस दमदार है और बिहार में बिना किसी शक--शुब्बा के बहार है ।

थानेदार की गुंडई को लेकर गंभीर हुए बड़े अधिकारी 
सहरसा सदर थानाध्यक्ष संजय सिंह की गुंडई मामले ने तूल पकड़ लिया है ।मीडिया के पुरजोर हस्तक्षेप की वजह से पुलिस के बड़े अधिकारी को इस मामले में गंभीर होना पड़ा है । पुलिस अधीक्षक अश्वनी कुमार के निर्देश पर एसडीपीओ सुबोध विश्वास पुरे मामले की जांच करने सदर अस्पताल पहुंचे,जहां पीड़ित सुशील भर्ती है ।देखिये एसडीपीओ को पीड़ित का बयान लेते हुए ।

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