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Wednesday, 14 September 2016

जेल में वाकई अपराधी बंद हैं

जेल में वाकई अपराधी बंद हैं
अमन पसंद और इंसानों के पहरेदार तो जेल से बाहर निकल रहे हैं
ये सियासतदां किसी को हैवान तो किसी को फरिश्ता बनाते हैं
कौन कहता है की शहाबुद्दीन खून चटोरे हैं ?
आज हम कर रहे हैं बड़ा खुलासा
दम है तो करा देना हमारी भी हत्या
मुकेश कुमार सिंह की बेबाक और बेखौफ कलम से---->>
आज हम अपने पाठकों के सामने एक बड़ा खुलासा करने जा रहे हैं ।शहाबुद्दीन के भागलपुर जेल से बाहर निकलने के बाद प्रेस से वार्ता के दौरान शहाबुद्दीन के साथ बिल्कुल सटकर खड़ा शख्स जिसकी हम तस्वीर जनता को दिखा रहे हैं हैं,वह कोई मामूली शख्स नहीं है ।बगल में खड़ा ये शख्स मोहम्मद कैफ है जिसे सीवान पुलिस पत्रकार राजदेव हत्याकांड मामले में तलाश कर रही है ।
हद तो इस बात की है की सीवान एसपी सौरभ कुमार साह ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा है की मोहम्मद कैफ को पुलिस तलाश कर रही है । इसका नाम पत्रकार राजदेव हत्याकांड में साजिश कर्ता के रुप में है ।
फिलहाल ये सीवान नगर थाना के एक अलग मामले में भी फरार हैं और इसकी गिरफ्तारी का वारंट भी जारी है ।अब समझिये शहाबुद्दीन की दहशत और उनके रसूख का आलम ।खून के शौदागर होने के दाग उनके जिश्म पर अभी भी चस्पां हैं ।फिलहाल उन्हें जमानत मिली है ।सभी मामले से वे बरी नहीं हुए हैं ।मोहम्मद कैफ जैसे गुंडे के उनके बगल में खड़े रहने से यह साफ़ जाहिर होता है की वह शहाबुद्दीन गैंग का एक शातिर सिपाही है ।हमारी समझ से मोहम्मद कैफ की इस तस्वीर के खुलासे के बाद शहाबुद्दीन की मुश्किलें कुछ हद तक बढ़ सकती हैं ।लेकिन जैसे--जैसे सूरमाओं का इस शहाबुद्दीन रूपी सेनापति को आशीर्वाद प्राप्त है,हमें नहीं लगता की कुछ हाय--तौबा और शोर-शराबे से कुछ ज्यादा होगा ।
राजनेता की असलियत आयी  बाहर :
कानून से खेलने वाला,खुद की अदालत में बेकसूरों के दिलों व जेहन में खौफ भरने वाला, काले धंधे काे फैलने वाला,अपराध और दहशत का महारथी,कोई राजनेता अगर ऐसे हुनर से लैस है तो खुले सफे से समझ लीजिये उनमें शहाबुद्दीन शीर्ष पर हैं ।इनका कनेक्शन अंतर्राष्ट्रीय अपराध जगत में दाउद,शलीम आदि कुख्यात से है । कयासों का बाजार गर्म है की इनके गहरे सम्बन्ध कई आतंकी संगठन और यहां तक आईएसआई तक से हैं ।पूर्व में आईबी के इस खुलासे के बाद वे सिवान के सांसद बने और खून से रंगी सिवान की धरती तभी उनके आतंक से त्रस्त थी ।राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद ही उनके नेता हैं ।सूबे के चर्चित पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के तार शहाबुद्दीन से जुड़े हैं ।उनकी रिहाई से पत्रकार रंजन के हत्याकांड की गुत्थी सुलझना "सुलह" के तौर पर अब बेहद आसान हो गया है ।इस हत्याकांड के साजिशकर्ता मोहम्मद कैफ,जिनकी कई महिने से पुलिस को तलाश थी,वह शहाबुद्दीन के साथ हैं ।
हम एक और तस्वीर लेकर हाजिर हो रहे हैं हमारी सुधि पाठक और जनता जिस मोहम्मद कैफ को आप शहाबुद्दीन के साथ देख रहे हैं वह कैफ स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप बाबा के साथ भी है ।अब हम क्या करें ?आखिर यह मोहम्मद कैफ कौन सी बला है ।इनके रसूख से लगता है की ये जेल नहीं जाने वाले हैं ।शहाबुद्दीन उससे पहले राजदेव ह्त्या मामले में सुलह की कहानी लिख देंगे ।वैसे कैफ जेल गया भी तो महज कुछ दिनों में ही,बाहर भी निकल जाएगा,इसकी गारंटी समझिये ।
आखिर बिहार में ये हो क्या रहा है ।
इधर सीवान पुलिस ने मंगलवार को कहा की वह राजद के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को नोटिस जारी कर पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के दो फरार संदिग्धों के सिलसिले में उनसे पूछताछ करेगी ।भागलपुर जेल से रिहाई के बाद शहाबुद्दीन के काफिले में कथित तौर पर दोनों फरार संदिग्धों को देखा गया था ।
सीवान के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सौरभ कुमार साह ने बताया, ‘हमने मोहम्मद कैफ और मोहम्मद जावेद की उन तस्वीरों पर गौर किया है जो भागलपुर से सीवान आ रहे शहाबुद्दीन के काफिले के दौरान की हैं और अखबारों एवं वीडियो फुटेज में दिखी हैं ।सरगर्मी से उनकी तलाश की जा रही है।’ बीते नौ मई को हुई पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के सिलसिले में मोहम्मद जावेद और मोहम्मद कैफ की तलाश है ।बीते शनिवार को शहाबुद्दीन के काफिले में दिखने से पहले दोनों फरार चल रहे थे ।
सीवान के एसपी ने कहा की इस सिलसिले में शहाबुद्दीन को नोटिस दिया जाएगा और दोनों संदिग्धों के बारे में उनसे पूछताछ की जाएगी ।
इससे पहले,शहाबुद्दीन के करीबी लड्डन मियां को पत्रकार हत्याकांड के सिलसिले में 20 मई को सीवान के एक बाजार से गिरफ्तार किया गया था ।साह ने कहा है की शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने के बाद जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है ।
इतनी तैयारी किसी महर्षि के लिए तो नहीं ही चल रही है ।जाहिर तौर पर बिहार ही नहीं पूरा देश शहाबुद्दीन नाम के इस प्राणी से वाकिफ है ।देश के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात की है लेकिन सबसे अहम और मौजूं सवाल यह है की इस मामले में नीतीश बाबा क्या करेंगे ?और तेजु बाबा के साथ छपी मोहम्मद कैफ की तस्वीर को लेकर लालू प्रसाद यादव कौन सा मजाकिया शगूफा छोड़ेंगे ।
अगर हमसे खुले तौर पर आप पूछेंगे,तो हम बिना किसी लाग-लपेट के यही कहेंगे की बिहार अभी गुंडों के बुते सिसक--सिसक कर चल रहा है ।बिहार में हो सकता है कभी बहार हो लेकिन इसबार तस्वीर साफ़ दिख रही है की बिहार में जंगलराज है । भगवान् जाने की आगे इस राज्य का क्या होने वाला है ।फिलवक्त नीतीश बाबू हारे हुए जुआरी की तरह कहीं से कहीं छुपते दिख रहे हैं ।जय बोलो शहाबुद्दीन की,जय बोलो लालू बाबू की और जय बोलो......

Monday, 12 September 2016

मुस्लिम हित की तरफदारी को करारा तमाचा

सरकारी योजनाओं का सच देखो सरकार
सिस्टम में आखिर कितने छेद ?
मुस्लिम हित की तरफदारी को करारा तमाचा
आखिर सरकारी योजनाओं के लुटेरों पर है किसका आशीर्वाद
मुकेश कुमार सिंह की दो टूक------>>

आजादी के बाद से ही गरीबों के नाम पर योजनाओं की मूसलाधार बरसात हो रही है ।केंद्र और राज्य दोनों के सरकारी खजाने के मुंह खुले हुए हैं ।करोड़ों--अरबों रूपये पानी की तरह बहाये जा रहे हैं लेकिन गरीब अपनी बेबस जिंदगी के  सँवरने की आस लिए,कई पीढ़ियां गंवाकर आज तक जस के तस मौजूं हैं ।आखिर गरीबों के लिए इतनी कल्याणकारी और कालजयी योजनाएं चलाई जा रही है,फिर भी गरीबी मिट क्यों नहीं रही है ।अरे जनाब गरीबों का असल हक नेता--मुल्ला,बाबू---हाकिम,अफसर,बिचौलिये और दलाल खा रहे हैं ।बेचारे गरीब दशकों से सरकारी जूठन चाट रहे हैं ।
शायद ही कोई सरकारी विभाग ऐसा हो,जहां लूट ना मची हो ।हमारे ज्ञान चक्षु के मुताबिक़ सभी जगह लूट का खेल जादुई करतब के साथ खेले जा रहे हैं ।लेकिन इस विषय पर आप अगर किसी नेता--मंत्री,किसी विभाग के मुलाजिम और हाकिम से कुछ पूछें तो लगता है की वे हरिश्चंद्र के सगे औलाद हैं और मौक़ा मिला तो वे हमें कभी भी नाप लेंगे ।एक आलेख में हम सभी विभागों की गोलमाल की हकीकत से आपको रूबरू नहीं करा सकेंगे ।आज हम अपने इस आलेख में पुर्णिया जिले के डगरुआ निवासी तनवीर आलम,पिता...खलील अंसारी की हकीकत लेकर हाजिर हो रहे हैं ।साक्ष्य के तौर पर हम अपने पाठकों को उनकी तस्वीर भी दिखा रहे हैं जिससे सच सिद्दत से बेपर्दा हो जाएगा ।।तनवीर आलम दोनों पाँव से विकलांग हैं । विगत डेढ़ दशक से ये पुर्णिया में सम्बद्ध विभाग के चक्कर लगा--लगाकर थक गए ।ना तो इनका विकलांग सर्टिफिकेट बना और ना ही इन्हें विकलांग का पेंशन मिला और ना ही हाथ गाड़ी । बेचारे वर्षों पुर्णिया में मशक्कत करते रहे और बाबूओं की जी हजूरी में कोई कोर--कसर नहीं छोड़ी ।लेकिन नतीजा सिफर निकला ।जाहिर तौर पर,तनवीर को कर्मी और बाबू लोगों को देने के लिए नजराना नहीं था और इसी वजह से उसे किसी योजना का लाभ नहीं मिला ।
तनवीर को तीन वर्ष पूर्व किसी ने कहा की सहरसा में दानवीरों का सम्मलेन लगता है ।विभिन्य विभाग के कर्मी और अधिकारी कर्मठ,परहित सेवा में सदैव तत्पर और और दान--पूण्य वाले हैं ।आप वहाँ जाइए ।वहाँ आपको,आपके हक़ से भी ज्यादा मिलेगा । तनवीर की हिम्मत देखिये की योजना का लाभ उसे सहरसा में मिलेगा,इसके लिए वह तीन वर्ष पूर्व बांस की बनी वैसाखी के सहारे पैदल ही पुर्णिया से सहरसा चला आया ।जितनी मशक्कत तनवीर ने पुर्णिया में की थी,वही मशक्कत उसने यहां भी की ।लेकिन यहां जो उसे अनुभव प्राप्त हुए की,अब वह किसी योजना का लाभ लेने की फिर से हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है । तनवीर ने सहरसा की व्यवस्था देखकर अपनी सारी हिम्मत गंवा दी है । यहां के अधिकारियों ने तनवीर को फिर से पुर्णिया जाने की अनमोल सलाह दी और साथ में यह ताल ठोंककर कहा की उन्हें सारी योजनाओं का लाभ पुर्णिया में मिलकर रहेगा ।सरकारी नियम है और यह उसका हक़ बनता है ।
बेचारे तनवीर को एक सज्जन ने मुझसे मिलवाया और उसे किसी तरह से न्याय मिले,इसके लिए कोई जुगत करने की हमसे गुजारिश की ।हमें बहुत दुःख हुआ और तनवीर पर दया भी आई ।हम उसे लेकर सामाजिक सुरक्षा विभाग गए लेकिन साहब अवकाश पर थे ।लेकिन वहाँ के मुलाजिम ने बड़े साफ़ लहजे में कहा की इस पीड़ित को जो भी लाभ मिलना होगा,वह पुर्णिया में ही मिल पायेगा ।फिर हम डीएम विनोद सिंह गुंजियाल से मिले ।वे एक सुघड़ आईएएस अधिकारी हैं ।उन्होनें तुरंत सहरसा सिविल सर्जन को उचित कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए पत्र लिखा ।हम सिविल सर्जन साहब डॉक्टर अशोक कुमार सिंह के पास पहुंचे । सिविल सर्जन साहब अपने चैम्बर में एक बड़े तांत्रिक से थोक में ईश्वरीय आशीर्वाद ग्रहण कर रहे थे ।थोड़ी देर हमें इन्तजार करना पड़ा,फिर उन्होनें हमारी विपत्ति को गौर से सूना ।डीएम के पत्र को कई बार पढ़ा,फिर उसपर पुर्णिया सिविल सर्जन को जांचपरांत उचित कार्रवाई की अनुशंसा उन्होने दिल खोलकर कर दी ।पत्र हमें पुर्णिया लेकर जाने की सर्वोत्तम सलाह देते हुए सिविल सर्जन साहब ने हमसे चाय लेने का आग्रह किया ।लेकिन मेरी भी थोड़ी हिम्मत टूटी थी,इसलिए फिर कभी,कहकर हम वहाँ से विदा हो गए ।
सरकारी पत्र तनवीर के हाथ में है लेकिन वे अब पुर्णिया जाने के नाम से कांपने लगते हैं ।सहरसा में अपनी जिंदगी तनवीर भीख मांगकर काट रहे हैं । आप तनवीर को देखिये की किस तरह से वे बांस को बैसाखी बनाकर अपना सफ़र तय कर रहे हैं । हमारे सुधि पाठकों,हम अपने दम से तनवीर की हाथ गाड़ी का इंतजाम करने जा रहे हैं,ताकि आगे उनकी जिंदगी में कुछ रंग भर सकें ।

लेकिन बड़ा सवाल यह है की हम अपने बुते कितने तनवीर की दुनिया बदल सकेंगे ?और सबसे बड़ा सवाल यह की जिस काम के लिए सरकार और तंत्र है,वह ऐसी घृणित लापरवाही क्यों कर रहा है ।शायद वोट की राजनीति करने वाले को तनवीर का दर्द नहीं दिख रहा है ।अरे सियासतदां तनवीर मुस्लिम है ।और पुरे देश में सिर्फ मुस्लिम हित के लिए आपलोग गरजते हो ।आखिर फिर क्या वजह है की तनवीर आपको नहीं दिख रहे हैं ?जय हो सरकार की ।

Sunday, 11 September 2016

आखिरकार खून के सौदागर को मिली जमानत


आखिरकार खून के सौदागर को मिली जमानत ,बिहार सहित देश के कई हिस्सों में जश्न !
क्या दूध के सौदागर की हुयी है रिहाई ? क्या 11 साल तक एक फ़रिश्ते ने काटी जेल ?
मुकेश कुमार सिंह का बेबाक विश्लेषण------

बिहार के रसूखदार और बाहुबली राजद नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन आखिरकार अब जेल से रिहा हो चुके हैं ।शनिवार की सुबह भागलपुर सेन्ट्रल जेल से वे रिहा हुए ।सीवान की विशेष अदालत के प्रभारी न्यायाधीश संदीप कुमार की अदालत ने शुक्रवार की शाम हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में शहाबुद्दीन के रिलीज आर्डर पर आदेश पारित किया था,जिसे लेकर सीवान से एक टीम भागलपुर पहुंची थी ।
सीवान के चर्चित तेजाब कांड में हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद शनिवार सुबह वह जेल से रिहा हुए ।वैसे बताना बेहद लाजिमी है की इसी वर्ष 19 मई को पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के आरोपों में घिरने के बाद शहाबुद्दीन को सीवान से भागलपुर जेल शिफ्ट किया गया था ।हमारे पास जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक़ जेल से रिहा होने के बाद शहाबुद्दीन 1300 गाड़ियों के काफिले के साथ सीवान के लिए रवाना हुए ।
शहाबुद्दीन की रिहाई को लेकर बीजेपी ने आपत्ति जताई है ।बीजेपी का कहना है की जंगल राज के प्रतीक रहे शहाबुद्दीन के बाहर आने की खबर से बिहार के लोग सहमे हुए हैं ।
वैसे यह भी खबर है की शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने की खबर मिलते ही सीवान प्रशासन ने चौकसी बढ़ा दी है ।जगह-जगह सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है ।राज्य में पहले ही कानून-व्यवस्था बदहाल है और वहां गुंडाराज फैला है । अब शहाबुद्दीन के रिहा होने से राज्य में अपराध बढ़ेंगे ।
* तेजाब से नहलाकर की चश्मदीद की हत्या
शहाबुद्दीन दो भाइयों की तेजाब से नहलाकर हत्या करने और बाद में हत्याकांड के इकलौते गवाह उनके तीसरे भाई राजीव रौशन की हत्या के मामले में भागलपुर जेल में बंद थे ।दोहरे हत्याकांड में उन्हें हाईकोर्ट से फरवरी में ही जमानत मिल चुकी थी ।बीते बुधवार को चश्मदीद गवाह की हत्या के मामले में भी अदालत ने उनकी जमानत मंजूर कर ली ।जाहिर तौर पर फिर पुरे ताम--झाम के साथ उनकी रिहाई हो गयी ।
* ऐसे बना बाहुबली
यूँ शहाबुद्दीन शुरूआती समय में गली के शोहरत वाले दबंग रहे थे ।शोहरत और रसूख के वे पहले से स्वामी थे ।वैसे हमारी समझ से शहाबुद्दीन के अपराध की असल कहानी 15 मार्च 2001 को लालू की पार्टी के एक नेता को गिरफ्तार करने आए पुलिस ऑफिसर संजीव कुमार को थप्पड़ मारने से शुरू हुई थी ।इस घटना के बाद शहाबुद्दीन के समर्थकों और पुलिस के बीच काफी लंबी झड़प हुई थी ।थप्पड़ मारने वाले शहाबुद्दीन के घर पुलिस ने छापेमारी की ।इस दौरान शहाबुद्दीन के समर्थकों और पुलिस के बीच कई घंटों तक गोलीबारी हुई ।इस घटना में 10 लोग मारे गए और पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा ।तभी से शहाबुद्दीन एक बाहुबली के रूप में पहचाने जाने लगे और फिर इन्होनें पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा ।
*1300 गाड़ियां, 4 मंत्री, 30 MLA, सैंकडों नेता और फिर चला शाहबुद्दीन का काफिला*
बिहार के बाहुबली नेता जिन्हें अमन पसंद लोग खून चटोरे के नाम से भी पुकारते थे,उस शहाबुद्दीन की जेल से रिहाई के साथ ही,बिहार में एक बड़े खेमे में जश्न का माहौल है ।यूँ बताना यह भी दीगर है की यह जश्न देश के कई हिस्सों में चल रहा है ।हत्या के मामले में हाईकोर्ट से दोषी करार दिए जा चुके शहाबुद्दीन को जमानत पर रिहा किया गया है ।मगर 11 साल बाद जेल से बाहर निकलने के बाद भी शहाबुद्दीन के तेवर बरकरार हैं ।
माफिया डॉन और बाहुबली नेता शाहबुद्दीन को शनिवार की सुबह करीब आठ बजे भागलपुर जेल से रिहा किया गया  पूर्व सांसद की अगवानी करने के लिए उनके हजारों समर्थक जेल के बाहर जुटे हुए थे ।नजारा ऐसा था मानों किसी देशभक्त से साक्षात्कार होने वाला है और लोग भक्तिभाव से लवरेज हैं ।
जेल से बाहर आते ही शहाबुद्दीन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोल दिया । उन्होंने कहा वे नीतीश को अपना नेता कभी नहीं मानते ।नीतीश परिस्थिति वश मुख्यमंत्री बने हैं । लेकिन यह बात वह जरूर कह गए की उन्हें जेल भेजने में नीतीश की कोई साजिश नहीं थी ।हाँ ! जहांतक उनके सर्वमान्य नेता की बात है,तो, उनके नेता सिर्फ लालू प्रसाद यादव हैं ।
11 साल की जेल के बाद खुली हवा में सांस लेने वाले बाहुबली शहाबुद्दीन के दामन पर भले ही जुर्म के कई दाग हैं ।लेकिन जेल से बाहर निकलते वक्त उन्होंने सफेद रंग का कुर्ता पायजामा पहन रखा था ।वैसे सफ़ेद रंग से शहाबुद्दीन को बेहद लगाव रहा है ।वैसे कहा भी जाता है की जो लहू से ज्यादा खेलते हैं,उन्हें सफेदी बहुत पसंद होती है ।
जेल के बाहर आते ही बाहुबली को समर्थकों ने घेर लिया ।हजारों समर्थक शहाबुद्दीन की एक झलक पाने के लिए उतावले दिखाई दे रहे थे ।कई समर्थक फूल मालाएं लेकर आए थे ।जो उन्होंन शहाबुद्दीन को पहनाईं और जो नहीं पहना सके, उन्होंने उनकी कार पर ही मालाएं फेंक कर मक्का और काबा का पुण्य कमा लिया ।
मोहम्मद शाहबुद्दीन 1300 गाड़ियों के काफिल के साथ भागलपुर जेल से अपने गृह क्षेत्र सीवान के लिए रवाना हुए ।उनके काफिले में बिहार सरकार के कई मंत्रियों सहित महागठबंधन के लगभग 30 विधायक भी शामिल हुए ।इसके बाद काफिला आगे बढ़ता गया और इस काफिले में कई राजद के बड़े नेता शामिल होते चले गए ।
गौरतलब है की शहबुद्दीन के रिहा होने से पहले ही बांका की बेलहर विधानसभा सीट से राजद विधायक गिरधारी यादव ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा था कि शहाबुद्दीन शनिवार सुबह आठ बजे भागलपुर सेंट्रल जेल से रिहा होंगे ।उनके काफिले में 1300 गाड़ियां शामिल होंगी और शनिवार की सुबह ना केवल बिल्कुल ऐसा ही हुआ बल्कि उससे कहीं ज्यादा हुआ ।
उधर पूरे सिवान में समर्थकों ने जश्न की तैयारी की गई ।भागलपुर से सिवान तक 376 किलोमीटर तक का सफर करीब 6 घंटे में पूरा हुआ ।रास्ते में जगह-जगह वीर शिरोमणि की तरह शहाबुद्दीन का स्वागत किया गया ।
पूर्व सांसद के लंबे काफिले की वजह से कई जगह पर जाम लग गया ।रास्ते में जहां--जहां भी उनका काफिल रुका हर तरफ रास्ते जाम हो गए ।उनके समर्थकों ने कई जगह जश्न की आंधी में जमकर आतिशबाजी भी की ।

इस शाही रिहाई का आलम आपने हमारी समझ से सिर्फ फिल्मों में ही देखा होगा ।इधर शहाबुद्दीन के सताए लोगों के घरों में मातम पसरा है ।कई लोगों को डर सता रहा है कि एक घर के तीन बेटों का कत्ल करने वाला कहीं उन्हें भी अपना शिकार ना  बना ले ।बड़ी खबर यह आ रही है की दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी ने केन्द्र सरकार से सुरक्षा की माँग की है और कहा है की बिहार सरकार और नीतीश पर उन्हें भरोसा नहीं है । उनके पुरे परिवार की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाए ।वैसे उन्होनें यह भी कहा की शहाबुद्दीन के खिलाफ मैं जबतक जीऊँगी लड़ाई लड़ती रहूंगी ।हमने पूर्व में ही चर्चा की है की पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या सीवान में कर दी गयी थी ।

बताते चलें कि 2005 में सत्ता में आते ही नीतीश कुमार ने शहाबुद्दीन पर नकेल कसी थी ।पूरे 11 साल वह जेल में बंद रहे ।लेकिन 39 मामलों में जेल की हवा खाने वाले आरजेडी के पूर्व सांसद को आखिरकार जमानत मिल ही गयी ।क्या इस जमानत को महज एक संयोग माना जाए ? हालांकि लोग इसे सत्ता से भी जोड़कर देख रहे हैं ।वैसे इसमें कहीं कोई शक--शुब्बा नहीं है की लालू प्रसाद यादव का पुराना शौर्य लौट चुका है । और कहीं ना कहीं शहाबुद्दीन की जमानत में लालू प्रसाद यादव के शौर्य की धमक जरूर है ।
आखिर में चलते--चलते सूबे के मुखिया नीतिश कुमार से हम यह सवाल जरूर करेंगे की शहाबुद्दीन की जमानत राज्य सरकार के खिलाफ है ।क्या नीतीश बाबू इस जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाएंगे ?
शहाबुद्दीन की जमानत ने एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा किया है की इतने मामले में आरोपी रहे शहाबुद्दीन को जब जमानत मिल सकती है तो तत्कालीन गोपालगंज डीएम जी कृषनैय्या ह्त्या मामले में सहरसा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद बाहुबली आनंद मोहन को फिर जमानत क्यों ना मिले ?जाहिर तौर पर सत्ता की चाकरी नहीं करने की पूर्व सांसद आनंद मोहन सजा काट रहे हैं ।

एक गाँव से एक साथ तीन लडकियां हुयीं लापता


एक गाँव से एक साथ तीन लडकियां हुयीं लापता कहीं देहमंडी में बेचने की साजिश तो नहीं
आखिर कहाँ गयीं लडकियां ?इलाके में सनसनी पुलिस इस मामले को ले रही है बेहद हल्के ढंग से
मुकेश कुमार सिंह की दो टूक--->>सुपौल जिले के सदर थाना इलाके के कर्णपूर गाँव से 10 वीं क्लास की 3 छात्राएं अचानक एक साथ घर से गायब हो गयी हैं जिसको लेकर परिजनों में जहां तरह--तरह का भय समाया हुआ है वहीं अपनी लाडली के लापता होने का मुकदमा उन्होनें सदर थाना में दर्ज करवाया है ।जहांतक सदर पुलिस का सवाल है तो बेहद सुस्ती और मरियल अंदाज में मामला दर्ज कर पुलिस तफ्तीश में जुटी हुयी है ।बताना लाजिमी है की तीनों लड़की अलग--अलग परिवार की है ।दरअसल यह घटना बीते 7 सितम्बर की रात की है ।दो लड़कियों की उम्र 16 साल है जबकि एक की की उम्र 19 साल है और वह शादीशुदा भी है ।सदर थाना इलाके के उच्च विद्यालय में पढ़ने वाली यह तीनों छात्राएं कर्णपुर गांव की रहने वाली है जो रात में सोने के बाद देर रात्रि अचानक लापता हो गयी ।परिजनों को इस बात का पता तब चला जब उन्होंने बेड पर सोयी लाडली को गायब पाया । इस घटना को लेकर पहले तो परिजनों ने आसपास से लेकर रिश्तेदारों के यंहा ढूंढा लेकिन जब वे कहीं नहीं मिली,तो थक--हारकर ये सभी थाना गए और न्याय की गुहार लगाई।हांलाकि लापता हुई बच्चियों के परिजनों ने गांव के 3 --4 युवको पर आशंका जाहिर करते हुए आरोप लगाया है की उसकी लाडली को लेकर वे सारे युवक ही फरार हुए हैं ।परिजनों को यह भय सता रहा है की कहीं उन बच्चियों को वे युवक ऊंचीं कीमत में बेचकर,उन्हें देह व्यापार के धंधे में ना धकेल दें ।इस बाबत परिजनों ने लिखित शिकायत में इस बात का जिक्र भी किया है ।आवेदन में लिखा है की लापता बच्चियों को बहला--फुसला कर वे युवक ले गए हैं ।


इधर सदर थाना थानाध्यक्ष राम इकबाल यादव मुकदमा दर्ज कर इसे प्रेम प्रसंग में लड़की को भगाने का मामला बता रहे हैं ।हांलांकि पुलिस अधिकारी एक युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की बात भी कर रहे हैं।
यहां गौरतलब है की कोसी इलाके के किसी भी थाने के अधिकारी से लेकर पुलिस कप्तान गंभीर से गंभीर मामले का आवेदन हाथ में लेते ही,अनुसंधान पूरा करते हुए दीखते हैं ।यह मामला बेहद गंभीर है लेकिन पुलिस अधिकारी इसे बेहद हल्के ढंग से ले रहे हैं ।एक गाँव से एक साथ तीन--तीन लड़कियों का यूँ लापता हो जाना,कोई गुड्डे--गुड़िया का खेल नहीं है ।
वैसे इस कड़ी में हम यह जोड़ना चाहेंगे की कोसी कछार का इलाका होने की वजह से इस इलाके पर मानव तस्करों की गिद्ध दृष्टि लगी रहती है । हमारे पास उपलब्ध आंकड़े के मुताबिक़ सैंकड़ों लडकियां बीते डेढ़ दशक के दौरान लापता हुयी हैं,जिनका अभीतक कोई सुराग नहीं मिला है ।हद बात तो यह है की बचपन बचाओ आंदोलन के सिरमौर्य सह नोबेल पुरस्कार विजेता कैलास सत्यार्थी ने कोसी इलाके को लेकर कई बार गंभीर चिंता जताई है ।लेकिन सरकार और उसके तंत्र को लगता है की ऐसे मसलों से कोई लेना देना ही नहीं है ।
हांलांकि इस बार जिस कर्णपूर गाँव से ये तीनों बच्चियां गायब हुयी हैं ।यह गाँव बेहद शिक्षित और शाहरनुमा गाँव है ।इस गाँव में आईएएस, आईपीएस,डॉक्टर,इंजीनियर और वैज्ञानिक की भरमार है ।यह मामला आमजन से लेकर सभी के लिए बेहद गंभीर है ।जाहिर तौर पर पुलिस को इस मामले को ना केवल गंभीरता से लेना चाहिए बल्कि चुनौती के तौर पर लेना चाहिए ।लेकिन इस इलाके की पुलिस ""हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर काम करने की आदी है""।

Saturday, 10 September 2016

बॉलीवुड अभिनेता मु्न्नाभाई संजय दत्त की जिंदगी पर फिल्म

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बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक राज कुमार हिरानी जल्‍द ही एक बॉयोपिक बनाने जा रहे हैं इसकी जानकारी तो सभी को है कि, वह बॉलीवुड अभिनेता के मु्न्नाभाई संजय दत्त की जिंदगी पर फिल्म बनाने जा रहे हैं।
मीडिया की ख़बरों के अनुसार अभिनेत्री अनुष्‍का शर्मा इस फिल्‍म में कैमियो करती हुई नज़र आ सकती हैं। बता दें कि, फिल्म 'पीके' में अनुष्का ने फीमेल लीड रोल निभाया था जिसको निर्देश्‍ाक हिरानी ने बनाया था, फिल्‍म बॉक्‍स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थी। इससे पहले '3 इडियट्स' के लिए भी अनुष्‍का शर्मा ने ऑडिशन दिया था लेकिन बात नही बन सकी थी।
जानकारी दें दे कि, फिल्‍म में लीड रोल की भूमिका अभिनेता णबीर कपूर, संजय दत्त का किरदार निभाते नजर आयेंगे।
हिरानी की फिल्‍म 'मुन्‍नाभाई एमबीबीएस' में अनुष्‍का शर्मा पोस्‍टर गर्ल बनी थी, जिसमें उनका चेहरा नज़र आया था अब वह संजय दत्‍त की जिंदगी पर बन रही फिल्‍म में अनुष्‍का कैमियो कर सकती है।

🌺 आज का पंचांग 🌺

almanac-panchaang🌅 शुभ प्रभातम् 🌅
🌺 आज का पंचांग 🌺
दिनांक-   10 सितम्बर 2016
दिन - शनिवार
संवत्सर नाम - सौम्य
युगाब्दः- 5118
विक्रम संवत- 2073
शक संवत -1938
अयन - दक्षिणायन
गोल - उत्तर
ऋतु - वर्षा
मास - भाद्रपद
पक्ष -  शुक्ल पक्ष
तिथि-  नवमी
नक्षत्र - मूल
योग -  प्रीति
करण- वालव
दिशा शूल-  पूर्व दिशा में
🌺💥 श्रीचन्द्रजयन्ती, महानन्दा नवमी💥🌺
🌹🌻सांस्कृतिक कोश🌻🌹
    बाल्मीकि रमायण के अनुसार पृथ्वी के प्रथम राजा ब्रह्मा जी के पुत्र "झुव" ने । चर्चित नाम "क्षुप" ।
🌚राहुकाल- दिन के 09:30 से   11:00 बजे तक ।
🌹🌺 सुविचार 🌺🌹
   अपराध व अन्याय नहीं करें तथा न्याय के पथ पर चलने से नहीं डरें । 
🙏सर्वे भवन्तु सुखिन:🙏

Friday, 9 September 2016

आज ‘बार-बार देखो’ और ‘फ्रीकी अली’ रिलीज हो रही हैं।


बार-बार देखो’ में कटरीना कैफ और सिद्धार्थ मल्होत्रा पहली बार एक साथ नजर आएंगे।एक्सेल एंटरटेनमेंट और धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही इस फिल्म को सत्या मेहरा ने डायरेक्ट किया है। इस फिल्म की चर्चा इसलिए भी है क्योंकि सेंसर बोर्ड ने फिल्म से कैट के कुछ सीन हटा दिए हैं।वहीं नवाज की फिल्म 'फ्रीकी अली' के ट्रेलर को ही लाखों लोगों ने पसंद किया है। 'फ्रीकी अली’ रोमांटिक कॉमेडी है, इस फिल्म में नवाजुद्दीन अलग ही भूमिका निभाते नजर आएंगे। ये फिल्म सलमान खान प्रोडक्शन के बैनर तले बनी है और सोहेल खान ने इसे डायरेक्ट किया है।

Friday, 2 September 2016

कई रोगों की एक दवा

आयुर्वेद से होते हैं चमत्कार
कई रोगों की एक दवा
 मुकेश कुमार सिंह की कलम से----
250 ग्राम मैथीदाना,
100 ग्राम अजवाईन,
और 50 ग्राम काली जीरी
उपरोक्त तीनो चीजों को साफ-सुथरा करके हल्का-हल्का सेंकना(ज्यादा सेंकना नहीं) तीनों को अच्छी तरह मिक्स करके मिक्सर में पावडर बनाकर डिब्बा,शीशी या बरनी में भर लें ।
रात्रि को सोते समय एक चम्मच पावडर एक गिलास पूरा गन--गुना पानी के साथ लेना है ।
याद रहे गन--गुना वाणी के साथ ही लेना अत्यंत आवश्यक है ।यह चूर्ण लेने के बाद कुछ भी खाना-- पीना नहीं है ।
यह चूर्ण सभी उम्र के व्यक्ति ले सकते हैं ।
चूर्ण रोज-रोज लेने से शरीर के कोने-कोने में जमा पड़ी गंदगी(कचरा) मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी ।
पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें ।जब फालतू चरबी गल जाएगी और नया शुद्ध खून का संचार होगा ।चमड़ी की झुर्रियाॅ अपने आप दूर हो जाएगी।शरीर तेजस्वी,स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा ।
‘‘कुछ खास फायदे’’
1. गठिया जैसा जिद्दी रोग दूर हो जायेगा ।
2. हड्डियाँ मजबूत होंगी ।
3. आँख का तेज बढ़ेगा ।
4. बालों का विकास होगा ।
5.पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति मिलेगी ।
6. शरीर में खुन दौड़ने लगेगा ।
7. कफ से मुक्ति मिलेगी ।
8. हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी ।
9.थकान नहीं रहेगी और आप घोड़े की तरह दौड़ते जाएगें ।
10. स्मरण शक्ति बढ़ेगी ।
11. स्त्री का शरीर शादी के बाद बेडोल की जगह सुंदर बनेगा ।
12. कान का बहरापन दूर होगा ।
13. भूतकाल में जो एलाॅपेथी दवा का साईड इफेक्ट हुआ हाउ उससे मुक्त होगें ।
14. खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी ।
15. शरीर की सभी खून की नलिकाएॅ शुद्ध हो जाएंगी ।
16. दांत मजबूत बनेगा, इनेमल जींवत रहेगा।
17. नपुसंकता दूर होगी ।
18. डायबिटिज काबू में रहेगा ।डायबिटीज की जो दवा लेते है वह मेटे रहना है ।इस चूर्ण का असर दो माह लेने के बाद से दिखने लगेगा ।
जीवन निरोग,आनंददायक, चिंता रहित,स्फूर्ति दायक और आयुवर्धक बनेगा ।
सच मानिए फिर आपका जीवन पूरी तरह से जीने योग्य बनेगा ।

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