- स्वार्थी,मौकापरस्त,मतलबी और गलीज सोचों से तर लोगों की राह अमूमन बड़ी आसान होती है ।लेकिन सच के रहबर का खुलकर सांस लेना भी मुश्किल होता है ।सच दर्द सहता है ।सीलन में रिसता रहता है ।तकलीफों का पारावार नहीं लेकिन साबूत जिन्दगी सच के साथ ही कुलाचें भरती है ।
No comments:
Post a Comment