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Saturday, 3 December 2016

क्रेडिट कार्ड नहीं अब आधार कार्ड से होगा भुगतान, जानें कैसे

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आधार कार्ड बनाने वाली संस्था, यूआईडीएआई भारतीय समाज को कैशलेस समाज बनाने की दिशा में जोर-शोर से कोशिश में जुट गया है। संस्था ने इस प्लेटफॉर्म के लिए इस्तेमाल के लिए आधार के जरिये बायोमैट्रिक पहचान क्षमता 10 करोड़ से 40 करोड़ तक ले जाने का फैसला किया है। 
इसके साथ सरकार एक ऐसे कॉमन मोबाइल फोन एप विकसित करने में लगी है जिससे दुकानदार और कारोबारी आधार प्लेटफॉर्म के जरिये पेमेंट हासिल कर सकते हैं। इसके लिए डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पिन और पासवर्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस मोबाइल एप के जरिये हैंडसेट, कस्टमर की बायोमैट्रिक पहचान के लिए इस्तेमाल किए जा सकेंगे। 

यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने पत्रकारों से कहा कि यूआईडीएआई, बायोमैट्रिक पहचान मौजूद 10 करोड़ से बढ़ा कर 40 करोड़ करना चाहता है। उन्होंने कहा कि हम आम लोगों को इस ट्रांजेक्शन के तरीके बारे में बताएंगे और इस तरह 40 करोड़ पहचान तक अपनी क्षमता बढ़ाएंगे। 

उन्होंने कहा कि इस तरह की कोशिशों से नोटबंदी और ब्लैकमनी खत्म करने के उपायों से पैदा हुई फौरी दिक्कतों को रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही वित्तीय लेनदेन में और पारदर्शिता भी आएगी। 12 अंकों का आधार नंबर 1.08 करोड़ लोगों को बांटा जा जा चुका है और इसके तहत लगभग 99 फीसदी वयस्क कवर हो चुके हैं। 

Source : AMAR UJALA

Sunday, 2 October 2016

बिहार में आज से नया शराबबंदी कानून लागू


घर में शराब पीने की अनुमति दी तो सात साल की कैद व दस लाख तक जुर्माना
नए कानून में यह प्रावधान है कि अगर आप अपने घर या अन्य परिसर में नशे की अनुमति देते हैैं या फिर कोई कहीं नशे के हाल में मदहोश पाया जाता है, किसी जगह पर बैठकर शराब या फिर अन्य मादक द्रव्य का सेवन करता मिलता है तो ऐसी स्थिति में पकड़े जाने पर कम से कम पांच वर्ष और अधिकतम सात वर्ष की सजा होगी। एक लाख रुपये का न्यूनतम जुर्माना और अधिकतम दस लाख रुपये तक का जुर्माना होगा।
नशे की स्थिति में उपद्रव करने पर कम से कम दस वर्ष की सजा
नए कानून में यह प्रावधान है कि अगर शराब पीकर किसी व्यक्ति ने नशे में किसी स्थान पर उपद्रव किया और ङ्क्षहसा की तो कम से कम दस वर्ष की सजा होगी। इस सजा को बढ़ाकर आजीवन कारावास भी किया जा सकता है। इस मामले में जुर्माना की न्यूनतम राशि एक लाख रुपये होगी और अधिकतम दस लाख।
यह बताना जरूरी होगा कि घर में शराब कौन लाया
घर में अगर शराब बरामद होती है तो यह जानकारी देनी होगी कि घर में शराब कौन लाया? जानकारी नहीं देने पर संबंधित परिसर के मालिक को कम से कम आठ वर्ष की सजा होगी। इसे बढ़ाकर दस वर्षों तक किया जा सकेगा। जुर्माने की राशि बढ़ाकर दस लाख रुपये तक की जा सकेगी।
महिलाओं और अवयस्क को शराब के धंधे में लगाने पर आजीवन कारावास
अगर कोई व्यक्ति महिलाओं व अठारह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शराब के अवैध धंधे में लगाने के आरोप में पकड़ा जाएगा तो इस अपराध में उसे कम से कम दस वर्ष की सजा होगी और इसे बढ़ाकर आजीवन कारावास तक किया जा सकता है। न्यूनतम एक लाख और अधिकतम दस लाख रुपये तक का जुर्माना भी उसे देना होगा।
परेशान करने के लिहाज से तलाशी व गिरफ्तारी पर भी सजा
शराबबंदी से जुड़े नए कानून में यह प्रावधान भी है कि अगर कोई उत्पाद पदाधिकारी या पुलिस पदाधिकारी परेशान करने की नीयत से किसी घर की तलाशी लेता है या फिर किसी को गिरफ्तार करता है तो उसे तीन वर्ष की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना होगा।
गांव पर सामूहिक जुर्माना
अगर किसी गांव या शहर विशेष में शराबबंदी से संबंधित कानून का उल्लंघन हो रहा है तो डीएम को यह अधिकार होगा कि वह उक्त गांव या शहर विशेष पर सामूहिक जुर्माना लगा सकेंगे।

News credit : Jagran

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