बिहार में असल बाढ़ अभी शराब की आई है
भारी मात्रा में विदेशी शराब की पेटी बरामद
बंदपड़ी दो औद्योगिक इकाई से बरामद हुयी
शराब की खेप
मुकेश कुमार सिंह की दो टूक----
आदिकाल से ही सोमरस यानि मदिरा और नारी का प्रेम सबसे गहरा,अटूट और महानतम माना गया है ।इस प्रेम में बलिदान और कत्लेआम की भी कई गाथाएं हैं ।फिलवक्त हमारा मौजूं विषय बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद पकड़ाने वाली शराब की खेप और शराब पीकर या बेचकर सैंकड़ों की तायदाद में जेल जा रहे लोग हैं ।अब तो कितनी मात्रा में शराब पकड़ाई और कितने लोग अबतक जेल गए हैं आंकड़े का हमारा गणित भी गड़बड़ाया हुआ है ।
खैर छोड़िये,ताजा घटना की बात करते हैं ।भोजपुर पुलिस कप्तान क्षत्रनील सिंह के निर्देश पर चलाए जा रहे भोजपुर में शराबबंदी अभियान के तहत कोईलवर थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गीधा की बंद पड़ी फैक्ट्री में छुपाकर रखे गए करीब 100 पेटी विदेशी शराब को बरामद किया है ।मिली जानकारी के अनुसार एसपी क्षत्रनील सिंह को गुप्त सूचना मिली थी की गिधा फैक्ट्री में विदेशी शराब की पेटी को छुपाकर रखा गया है ।पुलिस कप्तान द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए कोईलवर थाना पुलिस को छापेमारी का निर्देश दिया गया ।बिना समय गंवाए थानाध्यक्ष संजय शंकर ने अपने दल बल के साथ छापेमारी की और करीब 100 पेटी विदेशी शराब को बरामद कर लिया ।इस छापेमारी अभियान में कोईलवर सीओ भी साथ में मौजूद थे ।निसंदेह यह एक बड़ी कार्रवाई और बड़ी कामयाबी है लेकिन यह रहस्य अभीतक बरकरार हैं की यहां पर किस माफिया ने शराब छुपाई थी ।हांलांकि पुलिस इस मामले में उस संदिग्ध का भी पता लगा रही है की आखिरकार विदेशी शराब की पेटी को यहां किसने छुपा कर रखी थी ।
भोजपुर जिला के कोईलवर थाना क्षेत्र के गीधा औधोगिक एरिया के बंद पड़े दो औधोगिक इकाइयों से कोईलवर पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध विदेशी शराब बरामद किया है ।बरामद शराब में विभिन्न ब्रांडो के कुल 1107 लीटर विदेशी शराब हैं । जिनमें 750ml के 1236 बोतल जबकि 375ml के 480 बोतल बरामद किये गए हैं ।छापेमारी में कोईलवर थानाध्यक्ष संजय शंकर,एसआई अवधेश सिंह, अंचलाधिकारी मृत्युंजय कुमार समेत कोईलवर पुलिस बल के कई जवान शामिल थे
शराबबन्दीकी सफलता,या विफलता ?
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बिहार में शराब बंदी और कठोर कानून के बाद लगभग 10 हजार शराबी और शराब कारोबारियों को अब तक जेल भेजा जा चूका है ।यही नहीं हजारो लीटर विदेशी और देसी शराब भी बरामद हुयी है ।उसके बाद भी बिहार में प्रत्येक दिन शराब सहित शराबी और कारोबारी पकड़ा रहे हैं ।कोसी और सीमांचल में तो शायद ही कोई दिन खाली जाता हो जब शराब की बरामदगी ना होती हो,या फिर शराबी की गिरफ्तारी ना होती हो । लेकिन इस शराब बरामदगी से इतना तो पूरी तरह से साफ़ है की बिहार में शराब का स्टॉक दरिया और समंदर की तरह है ।हमारी समझ से शराब की खेप पकड़वाने में कारोबारियों का ही हाथ है ।एक कारोबारी दूसरे कारोबारी के धंधे को बंद कराने की जुगत में जुटे हैं ।शराब का यह खेल अमन पसंद लोगों के गले की हड्डी भी बनने लगी है ।लोग दुश्मनी साधने के लिए दूसरे की चाहरदिवारी या खेत में शराब की बोतलें फेंक या रखकर अपने दुश्मन को जेल भिजवा रहे हैं ।रही रसूखदारों की बात तो रात में दारु की बदबू की पुष्टि होती है और अदालत जाते--जाते वह गुटखे की खुशबू में बदल जाती है । हम इस रपट में सहरसा पुलिस की काबिलियत और उसके जौहर को भी जोड़ना चाहते हैं ।यहां पुलिस अधिकारी मोटे हसामी को ढूंढते फिरते हैं की किसने शराब पी रखी है ।फिर कुछ मोटे शराबी जो पकड़कर थाने लाया जाता है ।पहले तो उन्हें खरी--खोटी सुनाकर शराब की पुष्टि बताकर कल तुम्हें जेल भेजना है की मुनादी करा दी जाती है ।लेकिन सुबह में चमत्कार होता है ।सुबह में वही रात वाले शराबी साहब क्रिजदार ड्रेस में परफ्यूम की खुशबू के साथ बाहर निकलते हैं ।आप समझ लीजिये मोटी डील हो गयी भईये । नीतीश कुमार के पूर्ण शराबबंदी के फैसले को हम उनके जीवन का सबसे बेहतरीन फैसला मानते हैं और उनके फैसले के साथ कदमताल करना भी चाहते हैं ।लेकिन उनका यह फैसला बिना वातावरण तैयार किये हुए जल्द लिया गया फैसला है ।
पूर्वी और पश्चिमी कोसी तटबंध के भीतर अरबों रूपये के मदिरा का स्टॉक है ।यह कई सालों तक ऊँची कीमत पर लोगों के गले को तर करता रहेगा ।चलते--चलते हम यह ताल ठोंककर कहते हैं की अधिकाँश नेता,रसूखदार,व्यवसायी और पुलिस--प्रशासन के अधिकारी और कुछ पत्रकार भी अपने घर में थोक में शराब रखे हुए हैं और सलीके से उसका पान कर रहे हैं ।मारा जा रहा है बीच का और कमजोर आदमी । जय हो सुशासन की ।